गुलाब ने कांटे से कहा, तू मेरे ही उपर क्यूं आता है? कांटे ने भी जवाब दिया, हर एक सुन गुलाब ने कांटे से कहा, तू मेरे ही उपर क्यूं आता है? कांटे ने भी जवाब दिया,...
अपने आप को खामोश रख आज एक कली फिर फूल बनेगी। अपने आप को खामोश रख आज एक कली फिर फूल बनेगी।
माटी का ऋण यहीं हर कोई लौटाता है, मिट्टी से जो लिया,पुनः मिट्टी हो जाता है। माटी का ऋण यहीं हर कोई लौटाता है, मिट्टी से जो लिया,पुनः मिट्टी हो जाता है।
और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...